मेरी गुड़िया ,मेरी बच्ची !,कह–कह शर्माइन बेहोश हुई जा रहीं थीं।
विधायक शर्मा जी फ़ोन–पर–फ़ोन किए जा रहें थे, पर अभी तक कुछ पता ना चला था।
ब्रेकिंग न्यूज के नाम से घर–घर न्यूज दिख रही थी कि कद्दावर नेता की कुतिया किसी दुश्मन ने की गायब।
‘कुतिया नहीं कहो, वर्ना चढ़ बैठेगें’– किसी ने फुसफुसाकर कहा।
‘विधायक की गुड़िया को किसी ने किया गायब।’ सँभलते हुए पत्रकार बोला
‘कई टीमें हुई रवाना, खुद विधायक एक टीम को लीड कर रहे हैं।‘
तभी कैमरे के सामने एक लाचार बुड्ढा आ गया।
‘अरे बुड्ढे, कहाँ बीच में घुसे आ रहें हो।’ धक्का मारते हुए पत्रकार बोला
‘बेटा, मेरी भी सोलह साल की गुड़िया खो गई है। उसे भी खोजने में मदद कर दो।’
‘अब्बे बुड्ढा जाके खोज,होगी कही मुँह काला कर रही। देख नहीं रहा, हम ब्रेकिंग न्यूज चला रहे हैं।’
‘बेटा ऐसा न कहो, मुझे शक है विधायक साहब ने ही गायब किया है। वह इन्हीं के यहाँ काम करती थी। महीने से यहीं भूखा–प्यासा बैठा हूँ,पर कोई नहीं सुन रहा।’
तुरंत फिर ब्रेकिंग न्यूज तैयार –‘कामवाली ने किया विधायक की ‘गुडि़या का अपहरण’ अभी फ़रार बताई जा रही है। जल्दी ही खोज निकाला जाएगा उसे।
कैमरामैन बूढ़़े को एक कुर्सी पर बैठा, पानी –समोसा आफ़र कर, मुस्कराते हुए बोला –‘बाबा चिंता ना करो। विधायक की कुतिया यानी ‘गुड़िया’ की खोज में, तुम्हारीं गुड़िया मिल ही जाएगी अब।’
–0–