चलती गाड़ी रोक ली गई। जो दूसरे मज़हब के थे, उनको निकाल-निकालकर तलवारों और गोलियों से हलाक कर दिया गया। इससे निपटकर गाड़ी के बाकी मुसाफिरों की हलवे,दूध,फलों से खातिर की गई। गाड़ी चलने से पहले खातिर करने वालों के प्रबन्धक ने मुसाफिरों को सम्बोधित करके कहा, ‘‘भाइयों और बहनों! हमें गाड़ी की आमद की इत्तिला देर में मिली। यही वजह है कि हम जिस तरह चाहते थे, उस तरह आपकी खिदमत नहीं कर सके।’’
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